अधिवक्ता निर्दोष परिहार ने पीड़िता से lucc चिटफंड के आड़ में धोखा धड़ी करने वाले एजेंट नीरज कुमार के खिलाफ कोर्ट से कराया रिपोर्ट दर्ज करवाने का आदेश*
पीड़ित के अधिवक्ता निर्दोष परिहार
न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जालौन स्थान उरई।
दाण्डिक प्रकीर्ण वाद संख्या 254/2025
निशा पंकज
बनाम
नीरज कुमार
अंतर्गत धारा 173(4) बी.एन.एस.एस
थाना उरई, जिला जालौन।
दिनांक 15.09.2025
पत्रावली पेश हुई। आवेदिका के विद्वान अधिवक्ता को प्रार्थनापत्र अंतर्गत धारा 173(4) बी.एन.एन.एस. पर सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।
आवेदिका की ओर से प्रार्थनापत्र अंतर्गत धारा 173(4) बी.एन.एस.एस विपक्षी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराए जाने हेतु इन अभिकथनों के साथ प्रस्तुत किया गया है कि यह कि प्रार्थिनी मुहल्ला पटेल नगर उरई थाना कोतवाली उरई जिला जालौन की निवासिनी है प्रार्थिनी के पति का स्वर्गवास दिनांक 04.02.2021 को हो गया था। प्रार्थिनी को दुर्घटना बीमा का पैसा मिला था। नीरज पुत्र दुर्गा प्रसाद निवासी मुहल्ला पटेल नगर उरई मेरे रिस्तेदार है जिस कारण नीरज को सम्पूर्ण पैसे की जानकारी थी। दिनांक 15-10-2022 को नीरज प्रार्थिनी के पास आया और प्रार्थिनी को गोखा देने की नीयत से प्रार्थिनी को गुमराह कर धन दुग् ना करने की सलाह देने लगा। प्रार्थिनी ने अपने पिता से उक्त बात को बताई तो प्रार्थिनी के पिता ने नीरज से बात की और प्रार्थिनी के पिता को भी धन दुगना करने की सलाह देकर गुमराह करके विश्वास मे ले लिया और बोला कि मैं लौनी अरबन मुटी स्टेट क्रेडिट प्रिंप कॉपरेटिव सोसाइटी का एजेन्ट हूँ तुमको कुछ नही करना, मैं सब करा लूंगा और घर से हर माह 2000 रु० लेकर जमा कर दूंगा। प्रार्थिनी और प्रार्थिनी का परिवार नीरज से भली भांति परिचित थे इसलिए नीरज की बातों पर यकीन कर लिया और 2000 रू0 प्रतिमाह दिनांक 31-10-2022 से नीरज को देना शुरू कर दिया। विश्वास में आकर दिनांक 31-10-22 दिनांक 30-12-2022 दिनांक 31-12-22 दिनाक 31-1-2023 दिनांक 27-2-23 दिनाक 31-3-23 दिनांक 30-4-2023 'देनांक 29-5-2023 दिनांक 30-6-23 दिनांक 31-7-23 दिनाक 31-8-23 दिनाक 30-9-23 दिनाक 25 10-23 दिनाक 6 12-23 दिनांक 31-12-2:3 दिनांक 31-1-2024 दिनांक दिनाक 8-4-24 दिनाक 8-5-24 दिनाक 28-2-24 30-5-24 दिनाक 16-7-2024 दिनाक 167-"नीरज प्रार्थिनी के घर आकर लेता रहा। नीरज धोखे में रखकर एक पालिसी
लय प्रतिलि0024 दिनाक 14-8-24 दिनांक 14-9-24 तक प्रत्येक यहां 2000 रु0 जला-
शीतल अबीबायो & सर तो प्रार्थिनी को पता बला लेने पहुंची
46000 रू० एल.यू.सी.सी. कम्पन एक फर्जी पास बुक
नं० 10103897407 ब्रान्च उरई में खुलवाकर दिनांक 31-10-22 से 14-09-2024 तक कुल 46000 रू० एल.यू.सी.सी. कम्पनी में जमा करने के नाम पर लेता रहा और एक फर्जी पास बुक एन्ट्री दिखाता रहा। जब प्रार्थिनी एलयूसीसी कम्पनी मे पैसे लेने पहुंची तो प्रार्थिनी को पता चला कि उरई में इस नाम की तो कम्पनी नहीं है तो प्रार्थिनी को अपने साथ धोखा धड़ी होने का पता चला। जब प्रार्थिनी ने उक्त बात नीरज से कही की तुमने धोखा देकर मेरे साथ षडयन्त्र रचकर 46000 रु० हडप लिये है मुझे सच का पता चल गया है। तो नीरज ने माफी मांगते हुये कहा कि मैं पैसे लौटा दूंगा पर नीरज ने पैसे नहीं लौटाया। दिनाक 10-01-2025 को प्रार्थिनी पंचायत लगबाई तो नीरज ने पैसे देने के लिए कहा जब प्रार्थिनी दिनांक 12-02-25 को नीरज के घर पैसे लेने के लिए गई तो नीरज आज कल आज कल करके प्रार्थिनी को टहलाने लगा। प्रार्थिनी दिनांक 02-05-25 को नीरज के घर दुवारा पैसे लेने गई तो नीरज ने प्रार्थिनी के साथ गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देकर कहा तुझे जो करना है कर ले तेरे जैसे पता नहीं कितने लोगो के पैसे खा गया हूँ, तुझे जो करना है जो कर ले मैं तेरे पैसे नहीं लौटाऊगां और प्रार्थिनी को अपने घर से गाली गलौज करते हुए धक्का मार कर भगा दिया। दिनाक 17-05-25 को प्रार्थिनी ने थाना उरई में व पुलिस अधीक्षक जालौन से उक्त घटना की शिकायत की पर अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई। दिनांक 24-7-2025 को प्रार्थिनी ने एक रजिस्ट्री डाक से प्रार्थना पत्र पुलिस अधीक्षक उरई को दिया। परन्तु अभी तक कोई सुनवाई नही हुई प्रार्थिनी की अब तक पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नही हुई तब प्रार्थिनी मा० न्यायालय की शरण में आयी है
आवेदिका के द्वारा अपने कथन के समर्थन में पुलिस अधीक्षक को प्रेषित प्रार्थना-पत्र, डाक रसीद की छायाप्रति, बैंक एल.यू.सी.सी. की पासबुक की छायाप्रति एवं आधार कार्ड की छायाप्रति द खिल की गई है।
थाना आख्यानुसार अभियोग पंजीकृत नहीं किया गया है।
सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया आवेदिका ने प्रार्थना-पत्र में यह कथन किया है कि दिनांक 15-10-2022 का नीरज प्रार्थिनी के पास आया और प्रार्थिनी को धोखा देने की नीयत से प्रार्थिनी को गुमराह कर धन दुगना करने की सलाह देने लगा। प्रार्थिनी ने अपने पेता से उक्त बात को बताई तो प्रार्थिनी के पिता ने नीरज से बात की और प्रार्थेनी के पिता को भी धन दुगना करने की सलाह देकर गुमराह करके विश्वास मे ले लिया और बोला कि मैं लौनी अरबन मुटी स्टेट क्रेडिट प्रिंप कॉपरेटिव सोसाइटी का एजेन्ट हूँ तुमको कुछ नही करना, मैं सब करा लूंगा और घर से हर माह 2000 रु० लेकर जमा कर दूंगा। नीरज धोखे में रखकर एक पालिशी नं० 10103897407 ब्रान्च
उई में खुलवाकर दिनांक 31-10-22 से14-09-2024 तक कुल 46000 रू० एल.यू.सी.सी. कम्पनी में जमा करने के नाम पर लेता रहा और एक फर्जी पास बुक एन्ट्री दिखाता रहा। जब प्रार्थिनी एलयूसीसी कम्पनी मे पैसे लेने पहुंची तो प्रार्थिनी को पता चला कि उरई में इस नाम की तो कम्पनी नही है तो प्रार्थिनी को अपने साथ धोखा धडी होने का पता चला। जब प्रार्थिनी ने उक्त बात नीरज से कड़ी की तुमने धोखा देकर मेरे साथ षडयन्त्र रचकर 46000 रु० हडप लिग है। प्रार्थिनी दिनांक 02-05-25 को नीरज के घर दुवारा पैसे लेने गई तो नीरज ने प्रार्थिनी के साथ गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देकर कहा तुझे जो करना है कर ले तेरे जैसे पता नही कितने लोगो के पैसे खा गया हूँ और अपने घर से गाली गलौज करते हुए धक्का मार कर भगा दिया। अतः उरु प्रकरण में मुकदमा दर्ज करके पुलिस द्वारा विवेचना कराए जाने के आधार पर्याप्त हैं।
आदेश
आवेदिका की ओर से प्रस्तुत प्रार्थनापत्र अंतर्गत धारा 173 (4) बी.एन.एस.एस. स्वीकार किया जाता है। प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली उरई, जिला जालौन को आदेशित किया जाता है कि प्रस्तुत प्रकरण में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत करके नियमानुसार विवेचना करें तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति अभियोग पंजीकृत करने के तीन दिन के अंदर न्यायालय में प्रेषित करें।
आदेश की प्रति संबंधित थानाध्यक्ष को अनुपालनार्थ भेजी जाए।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जालौन स्थान उरई
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